
माँ
तेरे नेह से, दुलार से, ममता की फुहार से
भीगता रहे ये जीवन, आज पुलकित है मन
तेरी महानता के आगे, आज छोटा पड़ गया आसमां
मन से नमन आज तेरा है माँ
तेरी गोद का बिछौना, तेरा आँचल मेरा खिलौना
तेरी प्यार भरी थपकी, वो सुकून भरी झपकी
तेरी प्यार भरी झिड़की, तेरे हाथों की मार
मैं पहचानता हूँ माँ उसमे छुपा दुलार
विधाता का रूप तू ही, सृष्टि का स्वरूप तू ही
ईश्वर करे मुझ पर रहे, आशीर्वाद तेरा सदा यूं ही
ओ माँ तेरे होने से ही, हर जीव का सफल जीवन है
मात्रत्व दिवस पर माँ तुझको मन से वंदन है
दुष्यंत......