नव्दिवस, नव्मास नववर्ष और नव उल्लास लिए
फागुन गया चैत्र आया संग खुशियों का आभास लिए
शुभ हर घड़ी है आज संग शगुनो का वास लिए
करे नवारम्भ इस वर्ष का मन में विपुल विश्वास लिए
सुखी रहें निरोगी रहें किसी विपदा से न सामना हो
गुडी पड़वा तथा नवसंवत्सर पर 'दुष्यंत' की शुभकामना हो
दुष्यंत............
तुम्हारे लिए
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मैं उसकी हंसी से ज्यादा उसके गाल पर पड़े डिम्पल को पसंद करता हूँ । हर सुबह
थोड़े वक्फे मैं वहां ठहरना चाहता हूँ । हंसी उसे फबती है जैसे व्हाइट रंग ।
हाँ व्...
5 years ago
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