Saturday, July 19, 2008

चंद मुट्ठी अशआर

जब जब दिल में टीस उठी
औ' मन हुआ बीमार
मैंने ख़ुद पर वार लिए
चंद मुट्ठी अशआर
दुष्यंत.....

1 comment:

Puneet Bhardwaj said...

बेहतरीन, जो मेरा पेशा है वो आपका पेशा है। हम सब लफ़्ज़ों के सौदागर हैं और...

जिन लफ़्ज़ों में ज़िंदगी के मायने छिपे हैं
उन लफ़्ज़ों की तलाश में रहता हूं
लफ़्ज़ों का सौदागर हूं
लफ़्ज़ों के बहाने मुस्कुराहटें बटोरता हूं....