Friday, May 9, 2008

मन से नमन आज तेरा है माँ.......


माँ
तेरे नेह से, दुलार से, ममता की फुहार से
भीगता रहे ये जीवन, आज पुलकित है मन
तेरी महानता के आगे, आज छोटा पड़ गया आसमां
मन से नमन आज तेरा है माँ

तेरी गोद का बिछौना, तेरा आँचल मेरा खिलौना
तेरी प्यार भरी थपकी, वो सुकून भरी झपकी
तेरी प्यार भरी झिड़की, तेरे हाथों की मार
मैं पहचानता हूँ माँ उसमे छुपा दुलार

विधाता का रूप तू ही, सृष्टि का स्वरूप तू ही
ईश्वर करे मुझ पर रहे, आशीर्वाद तेरा सदा यूं ही
ओ माँ तेरे होने से ही, हर जीव का सफल जीवन है
मात्रत्व दिवस पर माँ तुझको मन से वंदन है
दुष्यंत......

2 comments:

Anonymous said...

sir ji
mother's day par aapne jo panktiyan maa ko samparpit ki hain vo sache aartho mein mother's day par sacha toffa hai,sach maa k liye jo kuch feel kiya jaye jitna kuch likha jaye vo sab kam hai maa k dular k aage, maa ki mamta k aage,ye kuch sabad to bas ek chotta sa jariya hain,
maa sabad hi samupran sarajan hai, srashti ki rachna ka aadhar maa ko kotti- kotti naman...........
swati kapoor

Sudhir Rana said...

बहुत-बहुत उम्दा दुष्यंत....